अगरिया, बधिक, बादी, बहेलिया, बैगा, बैसवार, बजनिया, बाजगी, बलहर, बलाई, बाल्मिक, बंगाली, बनमानुष, बंसफोर, बरवार, बसोर, बावरिया, बेल्दार, बेरिया, बुन्तु, भुइया, भुइयार, बोरिया, चमार (बुसिया, झुसिया व जाटव), चेरी, दबगर, धागड़, धानुक, धरकार, धोबी, डोम, डोमर, दुसाध, धरमी, धारिया, गौड़, ग्वाल, हबुड़ा, हरी, हेला, कलाबाज, कंजड़, कपड़िया, करवल, खरेता, खरवार (वनवासी छोड़कर), खटीक, खरीट, कोल, कोरी, कोरबा, लालवेंगी, मझवार, मजहबी, मुसहर, नट, पंखा, परहीया, पासी-तरमाली, पतरी, सहरिया, सनोरिया, सासिया, तुरैह, रक्त व शिल्पकार आदि 65 जातियाँ राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति घोषित की गई हैं।
राज्य के जिलों में अनुसूचित जातियों (SC) की जनसंख्या और उनके प्रतिशत को अधोलिखित चार्ट में देखें।
राज्य में सबसे ज्यादा SC जनसंख्या –
हरिद्वार (Haridwar) (4,11,274)
उधम सिंह नगर (Udham Singh Nagar) (2,38,264)
देहरादून (Dehradun) (2,28,901)
नैनीताल (Nainital) (1,91,206)
अल्मोड़ा (Almora) (1,50,955)
राज्य में सबसे कम SC जनसंख्या –
चम्पावत (Champawat) (47,383)
रुद्रप्रयाग (Rudrapryag) (47,679)
बागेश्वर (Bageshwar) (72,061)
चमोली (Chamoli) (79,317)
उत्तरकाशी (Uttarakashi) (80,567)
राज्य में सबसे ज्यादा SC जनसंख्या प्रतिशत में –
बागेश्वर (Bageshwar) (27.73%)
पिथौरागढ़ (Pithoragarh) (24.90%)
उत्तरकाशी (Uttarakashi) (24.41%)
अल्मोड़ा (Almora) (24.25%)
हरिद्वार (Haridwar) (21.76%)
राज्य में सबसे कम SC जनसंख्या प्रतिशत में –
देहरादून (Dehradun) (13.49%)
उधम सिंह नगर (Udham Singh Nagar) (14.45%)
टिहरी (Tehri) (16.50%)
पौड़ी (Pauri) (17.80%)
चम्पावत (Champawat) (18.25%)
साक्षरता
2011 की जनगणना के अनुसार राज्य में अनुसूचित जाति के लोगों में औसत साक्षरता 74.4% तथा पुरुष व महिला साक्षरता क्रमशः 84.3% व 64.1% है।
आरक्षण
लोकसभा की 5 सीटों में एक (अल्मोड़ा) अनुसूचित जातियों हेतु सुरक्षित हैं।
राज्य विधान सभा के कुल 70 सीटों में से 13 सीटे अनुसूचित के जातियों के लिए सुरक्षित हैं।
राज्य विधान सभा की सुरक्षित सीटे इस प्रकार है ज्वालापुर, भगवानपुर एवं झबरेड़ा (हरिद्वार), चकराता व राजपुर (देहरादून), बाजपुर (ऊधमसिंह न.), पौढ़ी (पौढ़ी), घनसाली (टिहरी), पुरोला (उत्तरकाशी), थराली (चमोली), नैनीताल (नैनीताल), सोमेश्वर (अल्मोड़ा), बागेश्वर (बागेश्वर) एवं गंगोलीहाट (पिथौरागढ़ ) |
जुलाई 2001 के एक शासनादेश के अनुसार राजकीय सेवाओं, शिक्षण संस्थाओं, सार्वजनिक उद्यमों, निगमों आदि में अनुसूचित जातियों के लिए 19% आरक्षण का प्रावधान कि गया है।