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उत्तराखंड के प्रमुख संस्थान | Major Institutions in Uttarakhand

उत्तराखंड में स्थित प्रमुख संस्थान (Major institutions in Uttarakhand) : उत्तराखंड के प्रमुख संस्थान, संस्थानों के स्थापना वर्ष एवं उनके स्थानों की जानकारी —


लोक सेवा आयोग 


प्रदेश में राज्य लोक सेवा आयोग का गठन अप्रैल 2001 में किया गया। इस आयोग के अध्यक्ष सहित कुल 4 सदस्य हैं। आयोग का मुख्यालय हरिद्वार में है। राजकीय विभागों के अतिरिक्त बेसिक, माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा से सम्बन्धित 'चयन आयोग' के अधिकार भी राज्य लोक सेवा आयोग को प्रदान किये गए हैं। आयोग का पहला अध्यक्ष एन.पी. नवानी को बनाया गया था, जो 4 माह के अल्प कार्यकाल के पश्चात 14 अगस्त 2001 को सेवानिवृत्त हो गए।


आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (ऐरीज) 


तारा तथा सौर भौतिकी में शोध के लिए उ.प्र. में सर्वप्रथम 1954 में राजकीय वेधशाला की स्थापना वाराणसी में की गई। सन 1955 में इसे नैनीताल में शेर-का-डांडा पहाड़ी पर स्थानान्तरित कर दिया गया और 1961 में इसे नैनीताल के मनोरा पहाड़ी पर स्थापित किया गया। वर्ष 1954 से 2000 तक यह संस्थान उ.प्र. सरकार के अधीन तथा 2000 से 2004 तक उत्तराखण्ड सरकार के अधीन कार्यरत था। 2004 से यह एक स्वायत्ताशासी संस्थान है, जो कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है। 


30 मार्च, 2016 को यहाँ 2450 मी. की ऊँचाई पर देवस्थल नामक स्थल पर 3.6 मी. व्यास वाली एशिया के सबसे बड़े ऑप्टिकल दूरबीन को चालू किया गया है। यह भारत व बेल्जियम के प्रयास से निर्मित पूर्णतः घूमने योग्य ऑप्टिकल टेलीस्कोप है। 150 टन बजनी इस दूरबीन की कुल लागत लगभग 150 करोड़ रु. है। इस दूरबीन से तारों के जीवन चक्र, आकाशगंगाओं की उत्पत्ति, ब्लैक होल्स के अलावा ब्रह्माण्ड के अन्य रहस्यों का अध्ययन किया जाता है।


इससे पूर्व यहाँ मनोरा चोटी पर 1972 में स्थापित 104 सेमी. व्यास की सम्पूर्णानन्द आप्टिकल दूरबीन, 2010 में स्थापित 130 सेमी व्यास की देवस्थल फास्ट ऑप्टिकल दूरबीन (डीएफओटी) तथा 52, 38, 25 व 15 सेमी. व्यास की अन्य दूरबीने भी हैं। जिनका उपयोग आकाशीय पिडों के अध्ययन व उनकी फोटोग्राफी एवं जनता को दिखाने में किया जाता है ।


इस वेधशाला का शोध कार्य राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की मानक शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित किया जाता है।


भारतीय वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून 


इस संस्थान की स्थापना 1906 में की गई। 12000 एकड़ में फैले इस संस्थान में टिम्बर म्यूजियम, मिनौर फॉरेस्ट प्रोजेक्ट म्यूजियम, सिल्वीकल्चर, सोशल फॉरेस्ट्री एवं पैथालॉजी म्यूजियम है।


भारतीय पशु चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान, मुक्तेश्वर


नैनीताल के मुक्तेश्वर नामक स्थान पर स्थित इस प्रयोगशाला को भारत में पशु चिकित्सा विज्ञान का मक्का कहा जाता है।


सर्वप्रथम डॉ. एल्फ्रेड लिंगार्ड के प्रयासों से 1893 में इसे इम्पीरियल वैक्टीरियोलॉजिकल लैबोरेटरी के नाम से स्थापित किया गया था।


1925 में इसका नाम इम्पीरियल इंस्टीट्यूट ऑफ वेटरनरी रिसर्च और स्वतंत्रता के बाद वर्तमान नाम रखा गया।


इस संस्था के शुरुआती दिनों में डॉ. लिंगार्ड ने घोड़ों तथा गौ पशुओं में होने वाले 'सर्रा रोग' पर शोध किया। 19वीं शती के अंतिम वर्षों तक यहँ रिंडरपेस्ट, एंथ्रेक्स, सीरम, लिम्फैजाइटिस इपीजूटिक और ग्लैंडर्स रोगों पर उत्कृष्ट खोजें हुईं।


1924 में डॉ. एडवडर्स ने रिडंरपेस्ट नामक रोग का टीका खोजा। यह इस संस्थान की अनूठी देन थी।


इसी सेन्टर ने मुर्गियों के रानीखेत नामक रोग के टीके का अविष्कार किया था, जिसके बिना मुर्गी पालन व्यवसाय सम्भव नहीं था।


भारतीय सर्वेक्षण विभाग  



इसकी स्थापना सर्वप्रथम 1767 में बंगाल में भू- कर तथा अन्य सर्वेक्षण के लिए की गई थी। सन 1942 में द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान इसे देहरादून में स्थानान्तरित में किया गया।


यह देश में प्रत्येक प्रकार के भू-सर्वेक्षण और मानचित्र बनाने भू वाला एक मात्र अभिकरण है। यहाँ कई प्रकार के सर्वेक्षण किये जाते हैं, यथा वनस्पति सर्वेक्षण, प्राणि विज्ञान सर्वेक्षण, वन सर्वेक्षण, भू-गर्भ सर्वेक्षण और पुरातत्व सर्वेक्षण आदि। इन सर्वेक्षणों के अलग संस्थान होने पर भी मूल सर्वेक्षण भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा किए गए सर्वेक्षण और बनाए गए मानचित्रों पर ही आधारित होते हैं।


इसके महासर्वेक्षक एवरेस्ट ने 1852 में विश्व की सबसे ऊँची चोटी (चोटी -xv) का प्रेक्षण कर उसकी ऊँचाई 29,002 फीट घोषित की थी। अतः उन्हीं के नाम पर उस चोटी का नाम एवरेस्ट गया।


भारत का प्रथम डाक टिकट 1854 में इसी विभाग ने जारी किया था।


विवेकानन्द पर्वतीय कृषि अनुसंधानशाला, अल्मोड़ा 


पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि सम्बन्धी अनुसंधानों के लिए इस संस्थान की स्थापना डॉ. बोसी सेन ने 1924 में की थी। यह भारतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान, पूसा की पर्वतीय इकाई है। इस संस्थान में गेहूं की बी0एल0616, बी0एल0 421, सोयाबीन की बी0एल0 52, धान की बी0एल0 163, मटर की बी0एल03, मंडुवा (रागी) की बी0एल0 149, बी0एल0 29, मादिरा की बी0एल0 21 आदि अन्य कई फसलों की कई किस्में तैयार की जा चुकी हैं।


हाई अल्टीट्यूड प्लांट फिजिओलॉजी रिसर्च सेंटर  


यह रिसर्च संस्थान श्रीनगर (पौढ़ी गढ़वाल) में स्थित है। यहाँ वन्य वनस्पतियों के बारे में अध्ययन और शोधकार्य किया जाता है।


राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद  


शिक्षकों के प्रशिक्षण, शिक्षा अनुसंधान, विद्यालयों का मूल्यांकन आदि अनेक कार्यों को एक ही संस्थान द्वारा सम्पादित करने हेतु इस परिषद की स्थापना 17 जनवरी 2006 को नरेन्द्रनगर (टिहरी) में की गई है।



उत्तराखंड के प्रमुख संस्थान व उनके स्थल



संस्थान

स्थल

हाई एल्टीट्यूड प्लांट फिजियोलॉजी रिसर्च सेंटर (High Altitude Plant Physiology Research Centre)

श्रीनगर (पौड़ी गढ़वाल)

राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं शिक्षण परिषद (The State Council of Educational Research and Teaching)

नरेन्द्र नगर (टिहरी गढ़वाल) 

ड्रग्स कम्पोजिट रिसर्च यूनिट (Composite Drugs Research Unit)

रानीखेत, अल्मोड़ा 

सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (Central Building Research Institute)

रुड़की, हरिद्वार

स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर (Structural Engineering Research centre)

रुड़की, हरिद्वार

औद्योगिक प्रौद्योगिकी अनुसंधान केंद्र (Industrial technological research centre)

रुड़की, हरिद्वार

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम (Indian institute of Petroleum)

देहरादून

सर्वे ऑफ इंडिया (Survey of India)

देहरादून

केन्द्रीय भूमि जल संरक्षण अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र (Central Ground Water Conservation Research and Training Center)

देहरादून

वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी (Wadia Institute of Himalayan Geology)

देहरादून

फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (Forest Research Institute)

देहरादून

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (Indian Institute of Remote Sensing)

देहरादून

ड्रिलिंग टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (Drilling Technology Institute)

देहरादून

ऑयल एंड नेचुरल गैस कारपोरेशन (Oil and Natural Gas Corporation)

देहरादून

IRDE (Instruments Research & Development Establishment)

रायपुर, देहरादून 

राष्ट्रीय दृष्टि बाधितार्थ संस्थान (The National Institute of Visually Handicapped)

देहरादून

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण संस्थान (Archaeological Survey of India)

देहरादून

भारतीय सैन्य अकादमी (Indian Military Academy)

देहरादून

लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी (Lal Bahadur Shastri National Academy of Administration)

मसूरी, देहरादून

क्षेत्रीय अभिलेखागार (Regional Archives)

देहरादून

उत्तराखंड प्रशासनिक प्रशिक्षण अकादमी (Uttarakhand Administrative Training Academy)

नैनीताल

उत्तराखंड संस्कृति, साहित्य एवं कला परिषद (Uttarakhand culture, literature and arts council)

देहरादून 

भातखंडे संगीत महाविद्यालय (Bhatkhande Music College)

अल्मोड़ा व देहरादून

उदय शंकर नृत्य एवं संगीत अकादमी (Uday Shankar dance and music academy)

अल्मोड़ा

राजकीय औद्योगिक महाविद्यालय (State Industrial College)

भरसार, पौड़ी गढ़वाल

राजकीय विधि कॉलेज (Government Law College)

गोपेश्वर, चमोली

जड़ी बूटी शोध एवं विकास संस्थान (Herbs Research and Development Foundation)

गोपेश्वर, चमोली

उच्च स्थलीय पौध शोध संस्थान (High terrestrial plant research)

श्रीनगर, पौड़ी गढ़वाल 

जी.बी.पंत हिमालयी पर्यावरण एवं विकास संस्थान (GB Pant Institute of Himalayan Environment and Development)

कटारमल, अल्मोड़ा

वन एवं पंचायत प्रशिक्षण अकादमी (Forest and Panchayat Training Academy)

हल्द्वानी, नैनीताल 

उत्तराखंड सेवा निधि एवं पर्यावरण शिक्षा संस्थान (Uttarakhand Services Fund and Environment Institute)

अल्मोड़ा

जवाहरलाल नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (Jawaharlal Nehru Institute of Mountaineering)

उत्तरकाशी




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